राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में व्याप्त कथित अनियमितताओं का मामला अब नया मोड़ ले चुका है। राज्यपाल ने कुलगुरु प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है, जिसके बाद प्रोफेसर एससी चौबे को कुलगुरु का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया है। यह फैसला छात्र संगठनों के लगातार विरोध प्रदर्शनों और गंभीर आरोपों के बीच आया है, जहां विश्वविद्यालय प्रबंधन पर नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) की एसएसआर रिपोर्ट में झूठी जानकारी देकर A++ ग्रेड हासिल करने का इल्जाम लगा है।
राज्यपाल श्री पटेल ने राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अधिनियम-1998 के प्रावधानों के अंतर्गत विश्वविद्यालय के नये कुलपति की नियुक्ति होने तक आर.जी.पी.वी. भोपाल के संकायाध्यक्ष इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोफेसर श्री एस.सी. चौबे को पदभार संभालने के लिए निर्देशित किया है।
उधर, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एसएसआर में गलत जानकारी के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी, और यदि दोष सिद्ध हुआ तो कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। परमार ने कहा, “शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं। नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”